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ऐसी तो मेरी तक़दीर न थी
तुमसा जो कोई महबूब मिले
(दिल आज खुशी से पागल है) - २
(ऐ जानेवफ़ा तुम खूब मिले) - २
दिल क्यूँ ना बने पागल, क्या तुमने अदा पाई
ये देखके दिल झूमा, ली प्यार ने अंगड़ाई
दीवाना हुआ बादल
जब तुमसे नज़र टकराई सनम
जज़बात का एक तूफ़ान उठा
(तिनके की तरह मैं बह निकली) - २
(सैलाद मेरे रोके न रुका) - २
जीवन में मची हलचल
और बजने लगी शहनाई
ये देखके दिल झूमा, ली प्यार ने अंगड़ाई
रफ़ी: दीवाना हुआ बादल
है आज नये अरमानों से, आबाद मेरी दिल की नगरी
(बरसों से फ़िज़ाँ का मौसम था) - २
(वीरान बड़ी दुनिया थी मेरी) - २
हाथों में तेरा आँचल, आया जो बहार आई
ये देखके दिल झूमा, ली प्यार ने अंगड़ाई